प्रकाशकीय
राजस्थान की नारियां जीवन के सभी क्षेत्रों में अग्रणी रही हैं। यहां की वीरांगनाओं ने जहा रणक्षेत्र में तलवारों का जौहर दिखाकर विश्व इतिहास में अपना नाम स्वर्णाक्षरों में अंकित किया, वहीं स्वामीभक्ति और आध्यात्मिकता के क्षेत्र में भी यहां की नारियां पीछे नहीं रहीं। इस पुस्तक में ऐसी ही कुछ कर्मठ, आत्मसम्मानी तथा सेवापरायण नारी रत्नों की संक्षिप्त जीवन-झांकियां हैं जिनका चरित्र मानव जाति के लिए प्रेरणा स्रोत है।
राजस्थान में ऐसे नारी-रत्नों की कमी नहीं है, किन्तु इस छोटी-सी पुस्तक में उन सभी को समेट पाना सम्भव नहीं था। वैसे प्रकाशन विभाग अपनी अन्य पुस्तकों में समय-समय पर उन विभूतियों के बारे में जानकारी देता रहा है। हमें आशा है कि इन वीरांगनाओं का जीनव-चरित्र हमारी नई पीढ़ी के बालक-बालिकाओं में आत्मसम्मान की भावना भरम उन्हें ससम्मान जीने की प्रेरणा देगा ।
दो शब्द
राजस्थान की स्त्रियों के साहस और शौर्य का उदाहरण विश्व में अन्यत्र मिलना दुर्लभ है इतिहासकार वर्नियर का यह कथन प्राचीन व मध्य युग के लिए ही नहीं, बल्कि आधुनिक झा के लिए भी सत्य है। वीर भूमि राजस्थान की नारियों ने न केवल रणक्षेत्र में अपितु जीवन के सभी क्षेत्रों में प्रसिद्धि प्राप्त की है। इन महान ललनाओं का जीवन-चरित्र हमें अपने जीवन को गरिमापूर्ण बनाने की प्रेरणा देता है।
'राजस्थान के नारी रत्न' राजस्थान की ऐसी ही वीरांगनाओं दारा विविध क्षेत्रों में किए गए अनूठे कार्यो को प्रस्तुत क्यने का एक विनम्र प्रयास है। इस यश:गान का उद्देस्य मात्र इतिहास को दोहराना ही नहीं है अपितु भावी पीढ़ी को जीवन में आने वाली चुनौतियों को सूझबूझ एवं जीवट से झेलने हेतु तैयार करना भी है।
विषय-सूची
1
रानी पद्मिनी
2
कर्मवती
6
3
काली बाई
9
4
किशोरी रानी
12
5
कर्पूरी देवी
17
रामप्यारी
20
Your email address will not be published *
For privacy concerns, please view our Privacy Policy
Send as free online greeting card
Email a Friend