लेखक परिचय
10 अक्टूबर सन् 1945 की पेशावर (पाकिस्तान) में जन्में भाई जसबीर सिंह बचपन से ही धार्मिक प्रावृत्ति एवं पाठन में रूचि रखते थे। अपनी माता जी से मिली धार्मिक शिक्षा दीक्षा एवं ऐतिहासिक कथाओं ने ऐसी पुख्ता नींव रखी कि सेना की व्यस्त दिनचार्या के बावजूद स्वाध्याय एवं लेखन के लिये कुछ न कुछ समय निकाल ही लेते थे। एक "सिख मिशनरी" की पहचान के लिये हुए भाई जसबीर सिहं की जीविका व्यवसाय पर निर्भर है, किन्तु धार्मिक रूचि निस्वार्थ एवं निष्काम सेवा उनकी पहली प्राथमिकता है। सिख धर्म के संस्थापक, जगतगुरू गुरूनानक देव का इतिहास यद्पि गुखमुखी लिपि में प्रचुरता से उपलब्ध है पर हिन्दी में किसी सिख विद्वान द्वारा प्रतिपादित किया गया यह प्रयास आपके पचास वर्षों के अनुभवों का नतीजा है। जनसाधारण की भाषा में जनसाधारण के लिए लिखा गया यह रोचक इतिहास सिख धर्म की श्रेष्ठता को साबित करता है, साथ ही उस युवा पुरूष की जीवनगाथा की सरलतम प्रस्तुति है। यद्पि भाई जसबीर सिंध यदाकदा महत्वपूर्ण अवसरों पर छोटे मोटे पर्चों (Pamphlets) के रूप में सिख इतिहास से सम्बन्धित साहित्य प्रकाशित करते रहे हैं, पर एक पुस्तक के रूप में यह उनकी प्रथम प्रस्तुति है। आशा है पाठकगण इसको पसन्द करेगें। लेखक की अन्य रचनाओं में सिख धर्म के अन्य गुरू साहिबान के इतिहास पर प्रकाश डाला गया है, जो शीघ्र ही जनता जनार्दन के सम्मुख भुवन वाणी ट्रस्ट के माध्यम से ही प्रस्तुत होने वाली हैं। गुरमत प्रसार एवं सेवा सोसायटी चण्डीगढ़ की कार्यकारणी के सदस्य के रूप में भाई जसबीर सिंह जी के सम्पादित कार्य अनुकरणीय हैं।
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