भूमिका
फ़िल्मों में गीत को प्रभावशाली बनाने के लिए सहगान की परम्परा शुरू हुई । इसे कोरस भी कहा जाता है । जब कोई गीत एकाकी रूप में प्रस्तुत किया जात। है तो उसके भाव मन को छूते हैं लेकिन जिन गीतों में भाव की गहराई अधिक नहीं होती, केवल उल्लास मात्र या उत्सव प्रधान भावना रहती है, वहां एकाकी गीत उतना प्रभाव नहीं डाल पाता, इसलिए ऐसे गीतों को कोरस या सहगान के माध्यम से बल प्रदान किया जाता है ।
प्रारम्भ की फ़िल्मों में कोरस गीतों का बहुत अधिक प्रचलन था क्योंकि वे ऋतुओं या उत्सवों से सम्बन्धित अधिक होते थे । उनमें उल्लास और आनन्द की अभिव्यक्ति भरने के लिए मूल गायक या गायिका कें साथ सहगायकों का प्रयोग अवश्य किया जाता था । सामाजिक स्थितियाँ बदलने के साथ-साथ ऐसे गीतों का प्रचलन कम होता गया । लेकिन उन मधुर गीतों को कभी मुलाया नहीं जा सकता, वही कारण है कि वे आम भी मन को छूते है और लोग उन्हें गुनगुनाते हैं ।
उपर्युक्त दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर यह फ़िल्मी सहगान अंक प्रकाशित किया वा रहा है । आशा है पाठक गीतों के स्वरांकन से लाभान्वित होंगे ।
फ़िल्मनामाक्रनुम |
||
1 |
अंकुश (इतनी शक्ति हमें देना अशोक खोसला मुरलीधर, घनश्याम वासवानी, शेखर शवताम) |
196 |
2 |
अनजान (प्यारे-प्यारे सपने हमारे अशोक कुमार व बच्चे) |
103 |
3 |
आपकी खातिर (बबई से आया मेरा दोस्त बप्पी कहिसे व समूह) |
180 |
4 |
कल्पना (दीप चलाओ कोरस) |
136 |
5 |
काजल (हार गई नेहा लगाय शमशाद बेग़म शकील बदायूँनी) |
140 |
6 |
कादम्बरी (लिखो-लिखो री सखी कोरस) |
149 |
7 |
कादम्बरी (आई बसन्त ऋतु आई शान्ता आप्टे) |
92 |
8 |
काशीनाथ (आई रे, आई रे, आई रे असित वरन वग़ैरा) |
38 |
9 |
खानदान (मार गई रे, हमें तेरी नजरिया नूरजहाँ, समीर) |
97 |
10 |
ज़बक (शम्मा जली अरमानों की लता व अन्य) |
80 |
11 |
ज़मीदार (जारी सखी मोरे पी को सुना दे कोरस) |
74 |
12 |
जय संतोषी माँ (मैं तो आरती उतारूँ रे उषा मंगेशकर व समूह) |
192 |
13 |
जवाब (दूर देश का रहने वाला कानन देवी वगैरह) |
120 |
14 |
जवाब (ये मुझसे कहा दिन ने जमुना और ??) |
128 |
15 |
ज्वार भाटा (साँझ की बेला पंथी अकेला अरुण कुमार, साथी) |
113 |
16 |
तमाशा (क्यूँ उनसे मुहब्बत हो गई गोपे, अरबी, मसूद) |
89 |
17 |
दर्द (हमदर्द का अफ़साना शमशाद, साथी) |
86 |
18 |
दस बजे (काहे को मुसकाई उर्मिला आदि) |
43 |
19 |
दो बीघा जमीन (धरती कहे पुकार के मन्ना डे, लता व कोरस) |
61 |
20 |
धनंजय (न मिला है न मिलेगा तुझे आराम सी० रामचन्द्र व साथी) |
70 |
21 |
नमस्ते (आन मिलो मोरे श्याम कोरस) |
9 |
22 |
नाइट वर्ड ( आंसू भी पिये ताने भी सहे मुबारक बेगम) |
156 |
23 |
नीरा और नन्दा (पुनम का चन्दा कोरस) |
54 |
24 |
पगली दुनिया (घटा छा गई अब घनघोर कोरस) |
20 |
25 |
पृथ्वी बल्लभ (आ अपना रंग जमाले कोरस) |
27 |
26 |
प्रेम संगीत (गाये जा तू गाये जा कोरस? |
163 |
27 |
बसन्त (एक दुनिया बसाले मुमताज शांति, उल्हास) |
83 |
28 |
बेटी (कभी याद औस बनके चु शींद, वासंती व अन्य) |
144 |
29 |
माली ( मानो मानो कान्हा कोरस) |
175 |
30 |
मेरा गीत (हमसे रूठे ही भले कोरस) |
46 |
31 |
मूर्ति (बदरिया बरस गई उस पार खुर्शीद, हमीदा, मुकेश) |
16 |
32 |
रतन (रुमझुम बरसे बादरवा कोरस) |
160 |
33 |
रामराज्य (आवो री सुहागन नारी कोरस) |
173 |
34 |
लम्बे हाथ (प्यार की राह मोहम्मद रफी व साथी) |
76 |
35 |
वापस (जीवन है बेकार बिना तुम्हारे असित वरन आदि) |
65 |
36 |
वामिक अजरा (ये दिल तुम पर फिदा हे कोरस) |
50 |
37 |
शकुन्तला (सुख भरा सुख भरा कोरस) |
13 |
38 |
शर्त (चला काफिला प्यार का आशा भोसले व कोरस) |
107 |
39 |
शादी (घिर-घिर आई बदरिया खुर्शीद व पार्टी) |
147 |
40 |
संगीता (जबसे मिली है नज़र लता व कोरस) |
100 |
41 |
सगाई (किस्मत का लिक्खा लता व कोरस) |
153 |
42 |
सत्यम् शिवम् सुन्दरम् (सत्यम् शिवम् सुन्दरम् लता व समूह) |
184 |
43 |
सम्राट चन्द्रगुप्त (चकोरी चन्दा के अँगना कोरस) |
34 |
44 |
सरकस की सुन्दरी (मैं कली बनूँ मतवाली मोतबाई वगैरह) |
117 |
45 |
सिकन्दर (ज़िन्दगी है प्यार से कोरस) |
95 |
46 |
सी० आई० डी० (जादू नगरी से आया है आशा भोसले, शमशाद व रफ़ी) |
125 |
47 |
स्टेशन मास्टर (मोरे परदेसी सजन रममूर्ति वगैरह) एंड |
57 |
48 |
हमारा संसार (होली का त्यौहार आज है कोरस) |
23 |
49 |
हमारी बात (बादल दल-सा निकल चला कोरस) |
168 |
50 |
हॉस्पीटल (अब आई बहार नई कानन बाला आदि) |
132 |
भूमिका
फ़िल्मों में गीत को प्रभावशाली बनाने के लिए सहगान की परम्परा शुरू हुई । इसे कोरस भी कहा जाता है । जब कोई गीत एकाकी रूप में प्रस्तुत किया जात। है तो उसके भाव मन को छूते हैं लेकिन जिन गीतों में भाव की गहराई अधिक नहीं होती, केवल उल्लास मात्र या उत्सव प्रधान भावना रहती है, वहां एकाकी गीत उतना प्रभाव नहीं डाल पाता, इसलिए ऐसे गीतों को कोरस या सहगान के माध्यम से बल प्रदान किया जाता है ।
प्रारम्भ की फ़िल्मों में कोरस गीतों का बहुत अधिक प्रचलन था क्योंकि वे ऋतुओं या उत्सवों से सम्बन्धित अधिक होते थे । उनमें उल्लास और आनन्द की अभिव्यक्ति भरने के लिए मूल गायक या गायिका कें साथ सहगायकों का प्रयोग अवश्य किया जाता था । सामाजिक स्थितियाँ बदलने के साथ-साथ ऐसे गीतों का प्रचलन कम होता गया । लेकिन उन मधुर गीतों को कभी मुलाया नहीं जा सकता, वही कारण है कि वे आम भी मन को छूते है और लोग उन्हें गुनगुनाते हैं ।
उपर्युक्त दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर यह फ़िल्मी सहगान अंक प्रकाशित किया वा रहा है । आशा है पाठक गीतों के स्वरांकन से लाभान्वित होंगे ।
फ़िल्मनामाक्रनुम |
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1 |
अंकुश (इतनी शक्ति हमें देना अशोक खोसला मुरलीधर, घनश्याम वासवानी, शेखर शवताम) |
196 |
2 |
अनजान (प्यारे-प्यारे सपने हमारे अशोक कुमार व बच्चे) |
103 |
3 |
आपकी खातिर (बबई से आया मेरा दोस्त बप्पी कहिसे व समूह) |
180 |
4 |
कल्पना (दीप चलाओ कोरस) |
136 |
5 |
काजल (हार गई नेहा लगाय शमशाद बेग़म शकील बदायूँनी) |
140 |
6 |
कादम्बरी (लिखो-लिखो री सखी कोरस) |
149 |
7 |
कादम्बरी (आई बसन्त ऋतु आई शान्ता आप्टे) |
92 |
8 |
काशीनाथ (आई रे, आई रे, आई रे असित वरन वग़ैरा) |
38 |
9 |
खानदान (मार गई रे, हमें तेरी नजरिया नूरजहाँ, समीर) |
97 |
10 |
ज़बक (शम्मा जली अरमानों की लता व अन्य) |
80 |
11 |
ज़मीदार (जारी सखी मोरे पी को सुना दे कोरस) |
74 |
12 |
जय संतोषी माँ (मैं तो आरती उतारूँ रे उषा मंगेशकर व समूह) |
192 |
13 |
जवाब (दूर देश का रहने वाला कानन देवी वगैरह) |
120 |
14 |
जवाब (ये मुझसे कहा दिन ने जमुना और ??) |
128 |
15 |
ज्वार भाटा (साँझ की बेला पंथी अकेला अरुण कुमार, साथी) |
113 |
16 |
तमाशा (क्यूँ उनसे मुहब्बत हो गई गोपे, अरबी, मसूद) |
89 |
17 |
दर्द (हमदर्द का अफ़साना शमशाद, साथी) |
86 |
18 |
दस बजे (काहे को मुसकाई उर्मिला आदि) |
43 |
19 |
दो बीघा जमीन (धरती कहे पुकार के मन्ना डे, लता व कोरस) |
61 |
20 |
धनंजय (न मिला है न मिलेगा तुझे आराम सी० रामचन्द्र व साथी) |
70 |
21 |
नमस्ते (आन मिलो मोरे श्याम कोरस) |
9 |
22 |
नाइट वर्ड ( आंसू भी पिये ताने भी सहे मुबारक बेगम) |
156 |
23 |
नीरा और नन्दा (पुनम का चन्दा कोरस) |
54 |
24 |
पगली दुनिया (घटा छा गई अब घनघोर कोरस) |
20 |
25 |
पृथ्वी बल्लभ (आ अपना रंग जमाले कोरस) |
27 |
26 |
प्रेम संगीत (गाये जा तू गाये जा कोरस? |
163 |
27 |
बसन्त (एक दुनिया बसाले मुमताज शांति, उल्हास) |
83 |
28 |
बेटी (कभी याद औस बनके चु शींद, वासंती व अन्य) |
144 |
29 |
माली ( मानो मानो कान्हा कोरस) |
175 |
30 |
मेरा गीत (हमसे रूठे ही भले कोरस) |
46 |
31 |
मूर्ति (बदरिया बरस गई उस पार खुर्शीद, हमीदा, मुकेश) |
16 |
32 |
रतन (रुमझुम बरसे बादरवा कोरस) |
160 |
33 |
रामराज्य (आवो री सुहागन नारी कोरस) |
173 |
34 |
लम्बे हाथ (प्यार की राह मोहम्मद रफी व साथी) |
76 |
35 |
वापस (जीवन है बेकार बिना तुम्हारे असित वरन आदि) |
65 |
36 |
वामिक अजरा (ये दिल तुम पर फिदा हे कोरस) |
50 |
37 |
शकुन्तला (सुख भरा सुख भरा कोरस) |
13 |
38 |
शर्त (चला काफिला प्यार का आशा भोसले व कोरस) |
107 |
39 |
शादी (घिर-घिर आई बदरिया खुर्शीद व पार्टी) |
147 |
40 |
संगीता (जबसे मिली है नज़र लता व कोरस) |
100 |
41 |
सगाई (किस्मत का लिक्खा लता व कोरस) |
153 |
42 |
सत्यम् शिवम् सुन्दरम् (सत्यम् शिवम् सुन्दरम् लता व समूह) |
184 |
43 |
सम्राट चन्द्रगुप्त (चकोरी चन्दा के अँगना कोरस) |
34 |
44 |
सरकस की सुन्दरी (मैं कली बनूँ मतवाली मोतबाई वगैरह) |
117 |
45 |
सिकन्दर (ज़िन्दगी है प्यार से कोरस) |
95 |
46 |
सी० आई० डी० (जादू नगरी से आया है आशा भोसले, शमशाद व रफ़ी) |
125 |
47 |
स्टेशन मास्टर (मोरे परदेसी सजन रममूर्ति वगैरह) एंड |
57 |
48 |
हमारा संसार (होली का त्यौहार आज है कोरस) |
23 |
49 |
हमारी बात (बादल दल-सा निकल चला कोरस) |
168 |
50 |
हॉस्पीटल (अब आई बहार नई कानन बाला आदि) |
132 |