डॉ गणेश नारायण चौहान शिक्षा
अभिरूचि
होम्योपैथिक एवं भोजन विषयों का अध्ययन, चिन्तन, मनन एवं अनुभव द्वारा सत्यानुवेषण; लेखन भाषण और रेडियो वार्ताएं; दैनिक अखबारों, पत्र-पत्रिकाओं में स्वास्थ्य प्रश्नोत्तर, लेख प्रकाशन; आध्यात्मिक तत्व चर्चा, परोपकारी कार्यो में रुचि । लोग शुद्ध, सात्विक भोजन एवं सस्ती सर्वसुलभ होम्योपैथिक चिकित्सासे निरोग हों, इस कर्म क्षेत्र में निरन्तर क्रियाशील ।
विशेषताएँ-
रोगियों की चिकित्सा क्तके स्वस्थ होने पर सुखानुभव; सरल, सस्ती चिकित्सा उपलब्ध कराना; पुरानेअसाध्य रोगों की बिना चीर -फाड़ चिकित्सा करना; पेट, कमर, वक्ष, स्त्री रोगों, असाध्य रोगों की सफल चिकित्सा का अधिक अनुभव; प्राय: होने वाले सभी रोगों, नए एवं जटिल रोगों की दीर्घकाल से चिकित्सा करतेहुए गहन अनुभव । दूर रहने वाले रोगियों की पत्र- व्यवहार द्वाराचिकित्सा एवं परामर्श । अपने ज्ञान और अनुभव को दूसरों को बताना एवं चिकित्सा में रूचि रखनेवालों का मार्ग-दर्शन करना ।
विषय-संख्या |
||
1 |
यूरिक एसिड |
7 |
यूरिक एसिड क्या है |
8 |
|
अप्लीय (खट्टे) फल |
12 |
|
2 |
जोड़ों का दर्द-उत्पत्ति व कारण |
13 |
गठिया |
15 |
|
गठिया संधि-शोथ |
16 |
|
3 |
जोडों के दर्द के विभिन्न रूप |
19 |
संधि-शोथ |
19 |
|
घुटने की विभिन्न हड्डियाँ |
20 |
|
गठिया |
21 |
|
4 |
आर्थराइटिस |
25 |
कारण |
25 |
|
घुटने का दर्द |
28 |
|
बचाव |
31 |
|
आधुनिक जीवन शैली |
32 |
|
सही दिनचर्या |
35 |
|
सहायक उपचार |
33 |
|
फ्लोरोसिस |
26 |
|
गठिया के लक्षण |
29 |
|
चिकित्सा |
31 |
|
सहायक उपचार |
33 |
|
5 |
जोड़ों का दर्द दूर करने हेतु योग |
40 |
श्वासन |
40 |
|
पाद संचालन |
41 |
|
एक पाद उत्थानपादासन |
41 |
|
श्वास के साथ व्यायाम |
||
योग दण्डासन |
42 |
|
अग्रिम योग दण्डासन |
42 |
|
घुटनों का सिकोड़ना एवं छोड़ना |
43 |
|
घुटनों की आईआरटी |
43 |
|
खड़े होकर व्यायाम |
44 |
|
पेट के बल लेटकर |
44 |
|
आसन (वज्रासन, मर्कटासन, मकरासन) |
45 |
|
जानुशीर्षासन |
46 |
|
पवनमुक्त आसन |
47 |
|
पवनमुक्त क्रियायें |
48 |
|
अर्धा पूर्ण तितली आसन |
49 |
|
पाद उत्तान आसनशशांक आसन |
50 |
|
मार्जरी आसनभुजंगासन? |
50 |
|
वज्रासन |
52 |
|
साइकिल चलाना |
52 |
|
पाँव ऊपर उठाना |
53 |
|
6 |
घुटनों व जोड़ों के दर्द में भोजन |
54 |
अखरोट, अदरक, दालचीनी, मेथी, अश्वगंध, कलौंजी, मेवे |
||
खजूर, बादाम, छुहारे, इलायची छोटी, आँवला, आँवला- |
||
नीबू नीबू लहसुन, प्याज, हारसिंगार, सहजन, अश्वगंध, |
||
नीम, अमरूद, पपीता, खीरा, अंगूर, अंकुरित अनाज, |
||
खसखस, आलू बथुआ, करेला, गाजर, मोठ, दालें, मसाले, |
||
हल्दी, अजवाइन, नारियल, रस, क्लोराइड, चाय, सूप, गुड़, |
||
शहद, हरड़ पाउडर, सरसों का तेल, तिल या मूँगफली का |
||
तेल, एरड का तेल, इसबगोल की भूस्सी, तारपीन का तेल |
||
पेट्रोल । (विटामिन 'सी', अलसी) |
||
खट्टे पदार्थ |
74 |
|
प्रातःकालीन भम्रण |
75 |
|
पानी का सेंक |
75 |
|
रक्तशोधक भोजन |
77 |
|
रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ायें? |
79 |
|
घुटना दर्द के उपचार के तथ्य |
82 |
|
7 |
सेब का सिरका |
84 |
काला सीरा |
85 |
|
एप्सम साल्ट |
86 |
|
8 |
होम्योपैथी चिकित्सा |
87-110 |
डॉ गणेश नारायण चौहान शिक्षा
अभिरूचि
होम्योपैथिक एवं भोजन विषयों का अध्ययन, चिन्तन, मनन एवं अनुभव द्वारा सत्यानुवेषण; लेखन भाषण और रेडियो वार्ताएं; दैनिक अखबारों, पत्र-पत्रिकाओं में स्वास्थ्य प्रश्नोत्तर, लेख प्रकाशन; आध्यात्मिक तत्व चर्चा, परोपकारी कार्यो में रुचि । लोग शुद्ध, सात्विक भोजन एवं सस्ती सर्वसुलभ होम्योपैथिक चिकित्सासे निरोग हों, इस कर्म क्षेत्र में निरन्तर क्रियाशील ।
विशेषताएँ-
रोगियों की चिकित्सा क्तके स्वस्थ होने पर सुखानुभव; सरल, सस्ती चिकित्सा उपलब्ध कराना; पुरानेअसाध्य रोगों की बिना चीर -फाड़ चिकित्सा करना; पेट, कमर, वक्ष, स्त्री रोगों, असाध्य रोगों की सफल चिकित्सा का अधिक अनुभव; प्राय: होने वाले सभी रोगों, नए एवं जटिल रोगों की दीर्घकाल से चिकित्सा करतेहुए गहन अनुभव । दूर रहने वाले रोगियों की पत्र- व्यवहार द्वाराचिकित्सा एवं परामर्श । अपने ज्ञान और अनुभव को दूसरों को बताना एवं चिकित्सा में रूचि रखनेवालों का मार्ग-दर्शन करना ।
विषय-संख्या |
||
1 |
यूरिक एसिड |
7 |
यूरिक एसिड क्या है |
8 |
|
अप्लीय (खट्टे) फल |
12 |
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2 |
जोड़ों का दर्द-उत्पत्ति व कारण |
13 |
गठिया |
15 |
|
गठिया संधि-शोथ |
16 |
|
3 |
जोडों के दर्द के विभिन्न रूप |
19 |
संधि-शोथ |
19 |
|
घुटने की विभिन्न हड्डियाँ |
20 |
|
गठिया |
21 |
|
4 |
आर्थराइटिस |
25 |
कारण |
25 |
|
घुटने का दर्द |
28 |
|
बचाव |
31 |
|
आधुनिक जीवन शैली |
32 |
|
सही दिनचर्या |
35 |
|
सहायक उपचार |
33 |
|
फ्लोरोसिस |
26 |
|
गठिया के लक्षण |
29 |
|
चिकित्सा |
31 |
|
सहायक उपचार |
33 |
|
5 |
जोड़ों का दर्द दूर करने हेतु योग |
40 |
श्वासन |
40 |
|
पाद संचालन |
41 |
|
एक पाद उत्थानपादासन |
41 |
|
श्वास के साथ व्यायाम |
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योग दण्डासन |
42 |
|
अग्रिम योग दण्डासन |
42 |
|
घुटनों का सिकोड़ना एवं छोड़ना |
43 |
|
घुटनों की आईआरटी |
43 |
|
खड़े होकर व्यायाम |
44 |
|
पेट के बल लेटकर |
44 |
|
आसन (वज्रासन, मर्कटासन, मकरासन) |
45 |
|
जानुशीर्षासन |
46 |
|
पवनमुक्त आसन |
47 |
|
पवनमुक्त क्रियायें |
48 |
|
अर्धा पूर्ण तितली आसन |
49 |
|
पाद उत्तान आसनशशांक आसन |
50 |
|
मार्जरी आसनभुजंगासन? |
50 |
|
वज्रासन |
52 |
|
साइकिल चलाना |
52 |
|
पाँव ऊपर उठाना |
53 |
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6 |
घुटनों व जोड़ों के दर्द में भोजन |
54 |
अखरोट, अदरक, दालचीनी, मेथी, अश्वगंध, कलौंजी, मेवे |
||
खजूर, बादाम, छुहारे, इलायची छोटी, आँवला, आँवला- |
||
नीबू नीबू लहसुन, प्याज, हारसिंगार, सहजन, अश्वगंध, |
||
नीम, अमरूद, पपीता, खीरा, अंगूर, अंकुरित अनाज, |
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खसखस, आलू बथुआ, करेला, गाजर, मोठ, दालें, मसाले, |
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हल्दी, अजवाइन, नारियल, रस, क्लोराइड, चाय, सूप, गुड़, |
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शहद, हरड़ पाउडर, सरसों का तेल, तिल या मूँगफली का |
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तेल, एरड का तेल, इसबगोल की भूस्सी, तारपीन का तेल |
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पेट्रोल । (विटामिन 'सी', अलसी) |
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खट्टे पदार्थ |
74 |
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प्रातःकालीन भम्रण |
75 |
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पानी का सेंक |
75 |
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रक्तशोधक भोजन |
77 |
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रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ायें? |
79 |
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घुटना दर्द के उपचार के तथ्य |
82 |
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7 |
सेब का सिरका |
84 |
काला सीरा |
85 |
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एप्सम साल्ट |
86 |
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8 |
होम्योपैथी चिकित्सा |
87-110 |